दुनिया की 10 फेमस अनसुलझी रहस्यमय घटनाएं
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दुनिया में एक से एक घटनाएं होती हैं। कई घटनाएं जहां बेहद सामान्य होती हैं तो कुछ घटना बेहद चौंकाने वाली होती हैं। आज हम आपको दुनियाभर की कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद रहस्यमय मानी जाती हैं। इनमें से कई घटनाएं ऐसी हैं जिसके ऊपर साइंटिफिक रिसर्च भी किए गए, लेकिन ठीक-ठीक कारण पता नहीं चल सका। हालांकि, यह अपने आप में अजीबोगरीब है, लेकिन साइंस की तरक्की के बावजूद गई घटनाओं पर से अभी पर्दा नहीं उठ सका। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में।
कूपर फैमिली ने 1950 के आसपास टेक्सास में एक पुराना घर खरीदा। उस घर में पहली रात जश्न मनाने के दौरान उनके पिता ने परिवार की फोटो ली। इस फोटो में दो बच्चे अपनी मां और दादी की गोद में बैठे हुए हैं। इस फोटो के डेवलप होने के बाद पूरा परिवार ही आतंकित हो गया, क्योंकि फोटो में परिवार के साथ ही एक लटकती हुई लाश भी दिखाई दे रही थी। दावा किया गया कि फोटो लेने के वक्त वहां ऐसी कोई भी चीज मौजूद नहीं थी। कुछ लोगों ने कहा कि संभव है कि निगेटिव के साथ छेड़छाड़ की गई हो, लेकिन कूपर फैमिली ने इससे इंकार किया। बाद में फोटो की सच्चाई जानने की कई लोगों ने कोशिश की, लेकिन यह अब भी रहस्य बनी हुई है।
this can stop corona virus immidietlyनॉर्वे के होल्टलेन में हेस्सडालेन घाटी के आकाश में अक्सर देखी जाने वाली रोशनी एक अबूझ पहेली की तरह है। ज्यादातर यह रहस्यमयी रोशनी चमकदार सफेद, पीले या लाल रंगों में एक घंटे से अधिक देर तक दिखाई दी हैं। यह रोशनी तेजी से कभी धीमे हवा में तैरती हैं, तो कभी एक ही जगह ठहर-सी जाती है। इस तरह की घटना केवल नार्वे में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे भागों में भी 1940 के बाद से खबरों में आती रही हैं। इसके कारणों को जानने की का काफी कोशिशें की गईं, पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।
यह फोटो 1964 में जिम टेम्पलेटन नाम के एक फोटोग्राफर और स्थानीय इतिहासकार ने ली थी। वे अपनी बेटी को इंग्लैड के कमब्रिया के एक इलाके ‘सोल्वे फर्थ’ ले गए थे। फोटोज को डेवलप करने पर उन्हें एक फोटो में एस्ट्रोनॉट जैसी आकृति दिखाई दी। जिम ने यह दावा किया था कि फोटो लेने के दौरान उनकी बेटी के पीछे कोई नहीं था। इस फोटो को लेकर काफी बहस भी हुई थी। इसलिए इसे अक्सर रहस्यमय घटनाओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है
20 अगस्त 2007 को सेलिश सागर के समुद्री तटों पर कई कटे हुए इंसानों के पैर पाए गए। इनमें से कुछ की ही पहचान हो सकी। अनुमान लगाया गया कि ये पैर किसी बोटिंग एक्सीडेंट या समुद्र में हुए प्लेन क्रेश में मारे गए लोगों के हो सकते हैं। दूसरा, ये क्वाड्रा आइसलैंड के प्लेन क्रेश में मारे गए चार लोगों के पैर भी हो सकते हैं। पैरों पर किसी तरह के निशान नहीं पाए गए, पर मर्डर और टॉर्चर के बाद की गई हत्या से भी इनकार नहीं किया जा सकता। 26 दिसंबर 2004 को एशिया में आई सुनामी से भी इसे जोड़ा गया
1638 को सेंट पेंक्रास के एक चर्च को एक जोरदार आंधी का सामना करना पड़ा। इस दौरान चर्च से एक आसमानी बिजली टकराई थी। दोपहर का समय होने के कारण चर्च प्रार्थना करते 300 लोगों से खचाखच भरा हुआ था। चार लोग इसमें मारे गए, 60 बुरी तरह घायल हुए और बिल्डिंग भी तहस-नहस हो गई। इस घटना के पहले अजीब अंधेरा छा गया था। तेज रोशनी चर्च और उसमें बैठे लोगों को नुकसान पहुंचाकर वापस चली गई। पत्रकारों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि एक शैतान ने जुआरियों के बुलाने पर इस घटना को अंजाम दिया था। असल में क्या हुआ था, इसे लेकर आज भी अटकलें ही लगाई जा रही हैं। कई रिसर्चरों ने इस घटना के तह में जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी कुछ हाथ नहीं लगा।
‘ब्लैक दाहिला मर्डर केस’ लॉस एंजिलिस के सबसे पुराने अनसुलझे मर्डर केसों में से एक है। अमेरिका में रहने वाली एलिजाबेथ शॉर्ट को ब्लैक दाहिला नाम दिया गया था। 15 जनवरी 1947 को उसकी हत्या हो गई थी। शार्ट की लाश कमर से आधी कटी हुई थी और शरीर के कई अंगों पर घाव थे। उसका मुंह कान तक चीरा हुआ था। चौंकाने वाली बात ये थी कि तकरीबन 60 लोगों ने इस हत्या का जुर्म कबूला था, जिनमें से ज्यादातर मर्द थे। पर इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। यह अपने समय का चर्चित केस रहा था और इस पर ‘द ब्लू दाहिला’ नाम की फिल्म भी बन चुकी है।
21 साल की एलिसा लेम ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी, वेंकेवर में एक स्टूडेंट थी। 19 फरवरी 2013 को उसकी लाश डाउनटाउन के सेसिल होटल के ऊपर वाटर टैंक में पाई गई। कर्मचारियों ने होटल के मेहमानों के पानी में बदबू आने की शिकायत के बाद टैंक की जांच की थी। सीसीटीवी की जांच में लेम को लिफ्ट से ऊपर जाते देखा गया था, जो शायद ठीक से काम नहीं कर रही थी। फुटेज में उसे खुद से या किसी और से या किसी अदृश्य चीज से बात करते देख गया। वह बहुत परेशान लग रही थी। वीडियो के वायरल होने के बाद किसी ने लेम को मानसिक रोगी कहा, किसी ने वीडियो में छेड़छाड़ की बात कही। लेकिन यह केस सुलझाया नहीं जा सका। हालांकि, इस घटना से प्रेरित कई फिल्में बनाई गई हैं।
हिंटरकैफेक जर्मनी के म्यूनिख से 70 किमी दूर स्थित जगह है। जर्मनी के इतिहास में इस इलाके को सबसे विचित्र आपराधिक घटनाओं के लिए जाना जाता रहा है। 31 मार्च 1922 को वहां रहने वाले छह किसानों की एक कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई। मरने वालों में एंड्रियास ग्रुबेर, उसकी पत्नी केजिला, उसकी विधवा बेटी विक्टोरिया और उसके दो बच्चे और उनकी मेड थी। लेकिन चौंकाने वाली बात ये कही जाती है कि घटना के कुछ दिन पहले ही एंड्रियास ने अपने पड़ोसियों से बर्फ पर कुछ पैरों के निशान होने की बात कही थी। घटना के छह महीने पहले वहां काम कर रही एक मेड ने भी उस जगह को भुतहा बताया था और वह बहुत डरी हुई थी। हत्या के पीछे की असल गुत्थी अब तक नहीं सुलझ सकी।
माना जाता है कि स्कॉटलैंड की ‘लोच झील’ के दैत्य का रहस्य झील में ही छुपा हुआ है। यह रहस्य 1933 में पहली बार तब सामने आया, जब लोगों ने झील में एक दैत्याकार जीव को देखा था। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में इसे डायनासोर प्रजाति का एक विलुप्त जीव ‘प्लेसेसौर’ माना जाता रहा है, जो गहरे पानी में रहता है और कम ही सतह पर आता है।
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